दत्तात्रेय होसबोले ने सुरक्षा बलों को सराहा, कहा- पाक से आजादी के लिए गुलाम कश्मीर के लोगों को भारत से आस
दत्तात्रेय होसबोले ने सुरक्षा बलों को सराहा, कहा- पाक से आजादी के लिए गुलाम कश्मीर के लोगों को भारत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले जम्मू दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर PoK) को लेकर बयान दिया है. होसबाले ने कहा, पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर (PoK) के लोग पीड़ित हैं. वे अभी भी स्वतंत्र नहीं हैं. वे भारत से मदद चाहते हैं और इसके इंतजार में हैं.
26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस
बता दें कि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस है. इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को एक दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे हैं. राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित किए जाने वाले समारोह को संबोधित किया. समारोह में आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले भी शामिल रहे.
PoK पर पाकिस्तान का अनधिकृत क़ब्ज़ा
रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से PoK पर बयान आया है. मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर राजनाथ सिंह के हवाले से कहा है कि PoK पर पाकिस्तान का अनधिकृत क़ब्ज़ा है. भारत की संसद में इसे मुक्त कराने का एक सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित है. शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे पास हैं, पर शक्ति स्वरूपा शारदा जी का धाम अभी LoC के उस पार ही है.
कारगिल युद्ध की अनेक शौर्य गाथाएं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध में अनेक ऐसी शौर्य गाथाएं है जिनका स्मरण करके हर भारतवासी रोमांच और गौरव के भाव से भर उठता है. कैप्टन विक्रम बतरा ने कहा था कि जीत गया तो तिरंगा लहराऊंगा, अगर हार गया तो तिरंगे से लिपट कर आऊंगा. उन्होंने भारत के लड़ते हुए अपना बलिदान कर दिया.
पाकिस्तान ने प्रॉक्सी वार का रास्ता अपनाया
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1965 और 1971 की लड़ाई में बुरी तरह परास्त होने के बाद पाकिस्तान ने डायरेक्ट वार का रास्ता छोड़ कर प्रॉक्सी वार का रास्ता अपनाया. लगभग दो दशकों से भी अधिक समय तक पाकिस्तान ने भारत को प्रॉक्सी वार में उलझाए रखा और वे सोचते थे कि हम कई तरह से हमले करके भारतीयों का खून बहा सकते हैं.
भारत के शौर्य की तारीफ
उन्होंने कहा कि 1971 मे जिस Decisive तरीके से भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की फौज को हराया और अपनी 'Conventional Superority' पूरी तरह स्थापित कर दी वह अपने आप में बेमिसाल है. करीब 91 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और उनके दो टुकड़े हो गये.
रक्षा मंत्री ने कहा, 1948 में पहली बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम किया और आज जो जम्मू और कश्मीर का जो स्वरूप हम देख रहे है उसे बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है.